युवा पीढी संस्थान के पूर्व छात्रों के विचारों और अनुभवों से लाभान्वित होकर आगे बढ़े - निदेशक

कानपुर नगर। मंगलवार 26नवम्बर 2024 (सूत्र) सूर्य दक्षिणायन, मार्गशीर्ष मास कृष्ण पक्ष एकादशी, हेमंत ऋतु २०८१ पिंगल नाम संवत्सर। राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर में ओल्ड ब्वायज एसोसियेशन के तत्वावधान में कल पूर्व छात्र समागम (एलुमिनाई मीट) का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में 1974 बैच के छात्रों को आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदा को माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ।

इस अवसर पर संस्थान में कार्यक्रम में पधारे पूर्व यशस्वी छात्रों का सम्मान निदेशक महोदया द्वारा शाल एवं स्मृति चिह्न प्रदान कर किया गया। पूर्व छात्रों द्वारा अपने विचार और अनुभव साझा किया जाना कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा। छात्रों ने राष्ट्रीय शर्करा संस्थान के शिक्षकों और शैक्षिक वातारण और यहां से प्राप्त की गई शिक्षा व अनुभव के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। उन्होंने अध्ययनरत छात्रों को संबोधित करते हुये कहा कि आप लोग शर्करा जगत की रीढ़ हैं आप सबको समवेत रूप से शर्करा एवं संबद्ध उद्योगों के चहुंमुखी विकास के लिये आगे आना होगा।

कार्यक्रम को मुख्य रूप से एस.के. मित्रा, नारायण थेटे, एवं शांति कुमार पांडे ने संबोधित किया। विद्यार्थियों के साथ संवाद सत्र के दौरान पूर्व छात्रों ने उन्हें व्यक्तित्व विकास, तकनीकी ज्ञान को अद्यतन रखने और उद्योग जगत में स्वयं को स्थापित करने के संबंध में सूत्र दिये।

कार्यक्रम को और अधिक आनंदमय बनाने के लिये इस अवसर पर एक कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया गया। कार्यक्रम में के.के. अग्निहोत्री, अर्पित बाजपेई, चक्रधर शुक्ल, बनफूल और श्रीमती अनीता मौर्य ने अपनी रचनाओं से सभागार में उपस्थित जनसमुदाय को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कार्यक्रम का समापन करते हुये संस्थान की निदेशक, प्रो. सीमा परोहा ने कहा कि समय-समय पर इस प्रकार के आयोजनों की उपादेयता है। उन्होंने आह्वान किया कि युवा पीढी संस्थान के पूर्व छात्रों के विचारों और अनुभवों से लाभान्वित होकर आगे बढ़े और उसका अनुकरण कर देश-विदेश की चीनी मिलों में अपनी सफलता के नये प्रतिमान स्थापित करे।

कार्यक्रम के आयोजन में ओल्ड ब्वायज एसोसियेशन के एस.के. त्रिवेदी, सहायक आचार्य शर्करा प्रौद्योगिकी की प्रमुख भूमिका रही। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती मल्लिका द्विवेदी, सहायक निदेशक (रा.भा.) ने किया तथा आयोजन में दया शंकर मिश्र, निजी सचिव का उल्लेखनीय योगदान रहा।

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