आयुर्वेद की स्वर्णप्राशन विधा बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी कारगर - डा0 वन्दना पाठक

कानपुर नगर। मंगलवार 12सितम्बर 2023 भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष त्रयोदशी, शरद ऋतु २०८० नल नाम संवत्सर। आज पुष्य नक्षत्र के अवसर पर कानपुर नगर स्थित बालगृह में निःशुल्क स्वर्ण प्राशन का कार्यक्रम संपन्न हुआ, जिसमें लगभग 49 बच्चों ने भाग लिया। कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले इन बच्चों का निःशुल्क रूप से स्वर्णप्राशन कराया गया।

कार्यक्रम का शुभारम्भ वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डा0 वंदना पाठक, डा0 निरंकार गोयल, सुमन वर्मा ने किया। वरिष्ठ आयुर्वेदाचार्य डा0 वन्दना पाठक ने इस अवसर पर उपस्थित अभिभावकों और लोगों को आयुर्वेद के महत्व के बारे में बताया।

उन्होने कहा कि वर्षा ऋतु के अनुसार आहार-विहार पर विशेष रूप से ध्यान देने का परामर्श दिया। उन्होंने स्वर्णप्राशन संस्कार के बारे में बताते हुए कहा कि आयुर्वेद की यह विधा बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी कारगर है। संस्कार की महत्ता बताते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में प्रचलित 16 संस्कारों में से एक संस्कार है। यह बच्चों के शारीरिक, मानसिक विकास में विशेष योगदान करता है। जिन बच्चों यह संस्कार नियमित रूप होता है, उनमें मौसम और वातावरणीय प्रभाव के कारण होने वाली समस्याएं अन्य बच्चों की अपेक्षा कम देखी गयी हैं।

स्वर्णप्राशन में प्रयुक्त होने वाली औषधि स्वर्ण भस्म, वच, गिलोय, ब्राह्मी, गौघृत, मधु आदि द्रव्यों के सम्मिश्रण से बनाया जाता है। उन्होंने कहा बच्चों को नियंत्रित करने के लिए डांटना, पीटना आदि भी उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है। अतः बच्चों को प्यार से समझाना चाहिए। 

इस अवसर पर अनुराग मिश्र, कुलदीप, संदीप गुप्ता आदि लोग उपस्थित रहे।

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