लखनऊ, शनिवार 03जून 2023 (सूवि) ज्येष्ठ मास शुक्ल पक्ष चतुर्दशी, ग्रीष्म ऋतु २०८० नल नाम संवत्सर। मुख्यमंत्री जी एवं ऊर्जा मंत्री की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एम0 देवराज प्रदेश में विद्युत उपलब्धता बढ़ाने हेतु निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाएं शीघ्र उत्पादन शुरू करें इसके लिए लगातार प्रयासरत हैं।
इसी प्रयास में उन्होंने प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम की निर्माणाधीन ओबरा परियोजना स्थल का दौरा किया और परियोजना के अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें उन्होंने पाया कि ओबरा तापीय परियोजना की निर्माणाधीन 2×660 मेगावाट की दो इकाइयां निर्धारित समय से पीछे चल रही हैं।
लगातार मॉनिटरिंग के बाद भी स्थलीय निरीक्षण में कार्य की प्रगति से वे पूरी तरह असंतुष्ट दिखे। इसके लिए उन्होंने निर्माण कर रही कंपनी दुषान के अधिकारियों और परियोजना तथा उत्पादन निगम के अधिकारियों की आहूत बैठक में घोषणा की कि जब तक एक-एक बिंदु की टाइम लाइन नहीं तय हो जाएगी यह बैठक चलती रहेगी वह खुद भी बैठक में रहे और वह बैठक प्रातः 9ः00 बजे से रात्रि 3ः00 बजे तक अनवरत चली। चल रहे कार्यों के एक-एक बिंदु पर चर्चा हुई और उसके पूर्ण करने की तिथि निश्चित हुई। अंत में 30 जून को 660 मेगावाट की एक इकाई का उत्पादन शुरू हो जाएगा यह बैठक में निचोड़ निकल कर आया।
पिछले लगभग डेढ़ महीने से अध्यक्ष वीडियों कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से ओबरा परियोजना के तथा दुषान कम्पनी के अधिकारियों से बैठक कर 660 मे0वा0 की दोनों ईकाईयों के उत्पादन प्रारम्भ करने में हो रही देरी को पटरी पर लाने के लिए प्रयासरत थे। अन्ततः अपेक्षित सुधार एवं प्रगति न होते देखकर अध्यक्ष ने ओबरा जाकर निर्णय करने का हल सोचा।
अध्यक्ष ने दुषान सहित उत्पादन निगम एवं ओबरा परियोजना के अधिकारियों की इस बात के लिए प्रशंसा की है कि कार्य में तेजी लाकर विद्युत उत्पादन शुरू करने की तिथि निश्चित कर ली गयी। उन्होंने कहा कि सितंबर तक प्रदेश में विद्युत की जबरदस्त मांग रहेगी। ऐसी स्थिति में 660 मे0वा0 की 1 यूनिट के उत्पादन से प्रदेश की विद्युत आपूर्ति को बड़ा लाभ होगा।ओबरा ताप विद्युत गृह सोनभद्र जिले के ओबरा नामक स्थान पर है। यह वाराणसी से 125 किलोमीटर की दूरी पर वाराणसी शक्तिनगर मार्ग पर स्थित है। यह बिजली संयंत्र भारत की पहली 200 मेगावाट इकाई होने का गौरव रखती है। यहां 13 इकाइयां है। जिसमें से सभी कोयले से चलने वाली इकाइयां हैं। 200 मेगावाट की अंतिम इकाई 1982 में शुरू हुई थी। इसकी उत्पादन क्षमता 1288 मेगावाट है। यहां 3ग33 मेगावाट का जल विद्युत प्लांट भी है। जो ताप विद्युत गृह को चार्ज करने में मदद करता है। वर्तमान में 660 मेगावाट की दो नई इकाइयां निर्माणाधीन है इसके प्रारंभ होने से 1320 मेगावाट विद्युत का उत्पादन प्रदेश को प्राप्त होगा जो एक बड़ी उपलब्धि होगी।
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