लखनऊ, मंगलवार 19अप्रैल 2022 (सूवि) वैशाख मास कृष्ण पक्ष तृतीया बसंत ऋतु २०७९ राक्षस नाम संवत्सर। उत्तर प्रदेश जैन विद्या शोध संस्थान संस्कृति विभाग द्वारा जैन धर्म एवं संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाने एवं व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु आगामी मई एवं जून में जैन विद्वानों एवं मुनियों को एकत्रित कर जैन धर्म के 06 तीर्थंकरों यथा श्री ऋशभदेव, अजितनाथ, अभिनन्दननाथ, सुमितनाथ, अनन्तनाथ एवं धर्मनाथ की पुण्यस्थली अयोध्या/रत्नपुरी में प्रवर्तन यात्रा का आयोजन किये जाने का प्रस्ताव है।
इस हेतु 35 लाख रूपए की धनराशि व्यवस्था की गयी है।
यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने आज यहां देते हुए बताया कि आम जनमानस में छोटी-छोटी बातों से उत्पन्न परस्पर वैमनस्यता को समाप्त करने की दिशा में जैन धर्म एवं संस्कृति की अत्यन्त भूमिका है इसके अलावा जैन विचारधारा के विविध आयामों से आम जनता को परिचित कराना है।
जयवीर सिंह ने बताया कि जैन धर्म संस्कृति विरोधी विचारधाराओं को समाहित कर समाज हित में ढालने की शक्ति निहित है। इस उद्देश्य से संस्थान अनेक प्रवर्तन यात्रा सभी तीर्थ क्षेत्रों से निकाली जायेगी। आमंत्रित विद्वानों द्वारा विभिन्न सामाजिक महत्व के विषयों पर जन मानस को सजग एवं जागरूक किया जायेगा।
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