- भर्ती मरीजों को लगातार मिलता रहेगा ऑक्सीजन
- अब एसआरएन में ऑक्सीजन की कभी नहीं होगी कोई कमी-नन्दी
- प्रधानमंत्री ने वर्चुअली किया उद्घाटन, एसआरएन में मंत्री नन्दी मुख्य अतिथि के रुप में रहे उपस्थित
लखनऊ, गुरुवार 07अक्टूबर 2021 (सूवि) आश्विन मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा शरद ऋतु २०७८ आनन्द नाम संवत्सर। देश के सर्वाधिक लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वर्चुअली गरिमामयी उपस्थिति में उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मिनिस्टर नन्द गोपाल गुप्ता ‘‘नन्दी‘‘ जी ने आज मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज से संबद्ध स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय को प्रदत्त एक-एक हजार लीटर क्षमता के पी.एस.ए. ऑक्सीजन जेनरेटर प्लांट का लोकार्पण किया।
इसमें सांसद फूलपुर श्रीमती केसरी देवी पटेल जी, विधायक कोरॉव राजमणि कोल जी, विधायक फाफामऊ विक्रमाजीत मौर्य जी, के.के सिंह जी परियोजना निदेशक, एस. पी. सिंह जी प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज मौजूद रहे।
एसआरएन में एक एक हजार लीटर क्षमता वाले प्रेशर स्विंग एडजॉर्पशन ऑक्सीजन प्लांट (पीएसए) का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन शुभारंभ किया। मेडिकल अस्पताल के ऑडिटोरियम में लाइव प्रसारण में पीएम ने सम्बोधित किया। प्रधानमंत्री के संबोधन के पूर्व मंत्री नन्दी ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि देश के यशस्वी एवं कर्मयोगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश लगातार प्रगति पथ पर आगे बढ़ रहा है। मंत्री नन्दी ने कहा कि कोरोना के प्रथम एवं द्वितीय लहर में कई बड़े बड़े देश जहां डगमगा गए, वहीं भारत ने कोरोना को मात दी। मरीजों का अच्छे से अच्छा है उपचार हो सके इसके लिए अस्पतालों में वेंटीलेटर के साथ ही कंसंट्रेटर की व्यवस्था की गई है।
मंत्री नन्दी ने कहा कि व्यवस्था के ही इस क्रम में देश के विभिन्न हॉस्पिटल में आज पीएम केयर फंड से स्थापित ऑक्सीजन प्लांट का उद्घाटन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पीएसए ऑक्सीजन प्लांट अब तक का सबसे आधुनिक ऑक्सीजन प्लांट है, जिसके शुरू होने के बाद मरीजों को ऑक्सीजन के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।
मंत्री नन्दी ने बताया की नए ऑक्सीजन प्लांट की मदद से 1000 लीटर प्रति मिनट के साथ एक घंटे में 60,000 लीटर ऑक्सीजन एक प्लांट से मतलब दोनों प्लांट से एक घंटे में एक लाख 20 हजार लीटर ऑक्सीजन तैयार किया जा सकता है। उन्होंने कहा किअब एसआरएन के सिलेंडर को ऑक्सीजन के लिए बाहर नहीं भेजना पड़ेगा और मरीजों को निरंतर ऑक्सीजन मिलता रहेगा।
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