- प्रदेश में महिला कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित बाल संरक्षण सेवाएं एवं बाल गृहों की समीक्षा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा किया गया
- कोरोना वायरस से बचाव एवं रोकथाम के दिये निर्देश
- विशेषज्ञों द्वारा संस्थाओं मे आवासित बच्चों, महिलाओं एवं कर्मियों को सुरक्षित करने के बताये गये उपाय
लखनऊ, शुक्रवार 30अप्रैल 2021 (सूवि) वैशाख मास कृष्ण पक्ष चतुर्थी २०७८ आनन्द नाम संवत्सर। प्रदेश के महिला कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित बाल गृहों मे कोविड 19 के कारण उत्पन्न हो रहे विषम परिस्थितियों से लड़ने एवं बच्चों तथा कर्मियों को सुरक्षित रखने हेतु राज्य बाल संरक्षण आयोग द्वारा ऑनलाइन समीक्षा की गयी।
समीक्षा बैठक मे निदेशक मनोज कुमार राय, महिला कल्याण विभाग द्वारा भागीदारी करते हुए कोविड 19 से बचाव हेतु प्रदेश स्तर पर बनाए गए वर्चुअल सपोर्ट ग्रुप एवं महत्वपूर्ण मानक बिन्दुओं जो एसओपी और शासनादेश के रूप मे जनपद को प्रेषित किया गया है, उनको दोहराया एवं निर्देश दिये कि सभी एसओपी एवं शासनादेश का समय से अनुपालन करें।
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग से अध्यक्ष डा. विशेष गुप्ता एवं सभी सदस्यगण द्वारा इस बात पर जोड़ दिया गया की प्रदेश मे संचालित बाल गृहों मे आवासित बच्चों को उनके परिवार मे समायोजित करने की प्रक्रिया पर जोड़ देना चाहिए, संबन्धित समितियों के समक्ष ऑनलाइन प्रस्तुतीकरण सुनिश्चित किया जाना चाहिए एवं क्षमता से ज्यादा बच्चे बाल गृहों मे होने के कारण उत्पन्न हो रहे स्थिति से निपटने के लिए शासन जिला प्रशासन से समन्वय करते हुए पृथक आइसोलेशन सेंटर स्थापित करें।
उक्त बैठक में बृजेन्द्र सिंह निरंजन, उप निदेशक, महिला कल्याण विभाग, पुनीत मिश्रा, उप निदेशक, महिला कल्याण विभाग, श्रीमती नेहा आनंद निदेशक, बोधिट्री इंडिया मेन्टल हेल्थ एंड वेलबीइंग सेण्टर, डॉ० सुचिता चतुर्वेदी, सदस्या, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, श्रीमती जया सिंह, सदस्या, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, श्रीमती प्रीति वर्मा, सदस्या, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, श्रीमती नीता साहू, सदस्या, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, समस्त उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी, समस्त जिला प्रोबेशन अधिकारी, श्रम विभाग, विशेष किशोर पुलिस इकाई, मानव तस्करी रोधी इकाई, वन स्टॉप सेण्टर एवं बाल गृहों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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