चैरी-चैरा के जन आंदोलन की चिंगारी ने समूचे देश में आजादी की नई अलख जगायी

चैरी-चैरा में राष्ट्र भक्तों ने ब्रिटिश साम्राज्य के प्रतीक थाने को ध्वस्त कर अंग्रेजी शासन को चुनौती देकर आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

चैरी-चैरा की घटना को महज एक घटना के रूप में नहीं बल्कि एक पर्व के रूप में मनाया जाना चाहिए- डॉ दिनेश शर्मा

लखनऊ, गुरुवार 4 फरवरी, 2021 माघ मास कृष्ण पक्ष सप्तमी २०७७ प्रमादी नाम संवत्सर। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने आज यहां शहीद स्मारक स्थल पर चैरी-चैरा घटना के शताब्दी महोत्सव के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर कहा कि गोरखपुर के चैरी-चैरा के जन आंदोलन की चिंगारी ने समूचे देश में आजादी की नई अलख जगा दी थी। चैरी-चैरा में राष्ट्र भक्तों ने ब्रिटिश साम्राज्य के प्रतीक थाने को ध्वस्त कर अंग्रेजी शासन को चुनौती देकर इस जन आंदोलन ने आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि इसे एक घटना के रूप में नहीं बल्कि एक पर्व के रूप में मनाया जाना चाहिए।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि चैरी-चैरा की घटना आकस्मिक थी, जिसमें अंग्रेजी शासनकाल की दमनकारी नीतियों के खिलाफ एक उग्र प्रदर्शन हुआ। इस घटना ने अंग्रेजी शासन प्रणाली को मुंहतोड़ जवाब दिया। चैरी-चैरा की घटना आजादी की लड़ाई का वह मुकाम थी, जिसने अंग्रेजी शासन प्रणाली को सोचने पर मजबूर कर दिया। उप मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर महामना मदन मोहन मालवीय जी द्वारा चैरी-चैरा की घटना में सजा पाए लोगों को फांसी कि सजा से बचाए जाने में किए गए सराहनीय प्रयासों को भी याद किया।

उप मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शहीद स्मृति स्थल एवं शहीद भगत सिंह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि एवं माल्यार्पण कर शहीदों को याद किया। उप मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही परमवीर चक्र विजेता, शहीद मनोज पांडे जी के पिता श्री गोपीचंद्र पांडे, काला पानी की सजा पाने वाले डॉ शंकर लाल सिंघल के पुत्र डॉ0 बी0बी0 सिंघल तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मो0 सब्बीर को सम्मानित भी किया।

इस अवसर पर लखनऊ की महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया, कमिश्नर रंजन कुमार, जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश, स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारीगण सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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