डेटा लीक केस मे एफआईआर हेतु धारा 154(3) सीआरपीसी में एसएसपी को पत्र

लखनऊ, मंगलवार मार्गशीर्षमास शुक्ल पक्ष अष्टमी २०७७ प्रमादी नाम संवत्सर। आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने सीबीएससी बोर्ड के 10वीं तथा 12वीं कक्षा के छात्रों के डेटाबेस के निजी व्यक्ति को लीक होने तथा इसे अन्य व्यक्तियों को सार्वजनिक रूप से बेचे जाने के मामले में थाना रायपुरवा द्वारा एफआईआर दर्ज करने से मना करने के बाद एफआईआर हेतु धारा 154(3) सीआरपीसी में एसएसपी/डीआईजी कानपुर नगर डॉ प्रीतिंदर सिंह को पत्र भेजा है।  

अपने पत्र में अमिताभ ने कहा कि उन्होंने 14 दिसंबर 2020 को 10वीं तथा 12वीं की परीक्षा के छात्रों का डाटाबेस लीक होने तथा थाना रायपुरवा, कानपुर नगर स्थित इंडीस कंपनी के लोगों द्वारा इसे बेचे जाने की शिकायत की थी।

इस संबंध में उन्हें थाना रायपुरवा की आख्या दिनांक 21 दिसंबर प्राप्त हुई जिसमे यह कहा गया कि इंडीस कंपनी द्वारा बिना किसी आपराधिक उद्देश्य के सीबीएससी बोर्ड के कक्षा 10वीं तथा 12वीं के छात्रों का डाटा ऑनलाइन क्रय किया गया तथा उसका विक्रय किया जाता है, जिसमे कोई आपराधिक नीयत सामने नहीं आई है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों का डाटा सुरक्षित रखने की सम्पूर्ण जिम्मेदारी संबंधित बोर्ड की है. इसके बाद भी इस डाटा का आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध होना पाया गया जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि संबंधित सीबीएससी बोर्ड के द्वारा ही छात्रों का व्यक्तिगत डाटाबेस लीक या उपलब्ध कराया जा रहा है। अतःप्रकरण की समीक्षा संबंधित बोर्ड से करवाया जाये एवं इसमें किसी पुलिस कार्यवाही की आवश्यकता नहीं है। 

अमिताभ ने कहा कि पुलिस की आख्या प्राथमिक स्तर पर ही गलत है क्योंकि जाँच से यह प्रमाणित हो गया है कि प्रकरण सीबीएससी बोर्ड के कक्षा 10वीं तथा 12वीं के छात्रों के डाटाबेस से संबंधित है पुलिस ने अपनी आख्या में स्वीकार किया है कि उक्त डेटाबेस के रखरखाव का उत्तरदायित्व सीबीएससी बोर्ड का था और उन्होंने डाटा लीक होने की सम्भावना को स्वीकार किया है। 

अतः यह मामला प्रथमद्रष्टया डाटा लीक से जुड़ा मामला है। इन स्थितियों में अविलंब एफआईआर दर्ज किया जाना चाहिए था जो नहीं किया गया। अतः अमिताभ ने तत्काल एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। 

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