तबादला, रेत और शराब माफिया का संरक्षण करने में बीता एक सालः राकेश सिंह

मंत्रियों, विधायकों को कुछ भी करने की छूट दे रही मध्यप्रदेश सरकार


 भोपाल। 18 दिसम्बर बुधवार। कमलनाथ सरकार का पूरा साल सरकार को बचाने की तिकड़मों में, भ्रष्टाचार की योजनायें बनाने में, तबादला उद्योग चलाने में,  रेत तथा शराब माफिया को आगे बढ़ाने में उसका संरक्षण करने में बीता है। इस सरकार को न प्रदेश की चिंता है और न ही प्रदेश की जनता से किये गए वादों की। सरकार में बैठे लोगों का यह साल बस अपने हितों की चिंता करने में बीता है। इस एक साल में इस सरकार ने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिसके आधार यह कहा जा सके कि प्रदेश सरकार कोई एक जनहित का काम कर रही है। कमलनाथ सरकार के एक साल के कार्यकाल ने बेटी, किसान, गाय और नौजवान सभी को निराश किया है और सभी परेशान हैं। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री राकेश सिंह ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कही।
       सरकार ने किया धोखा, बदहाल है किसान प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने सबसे बड़ा धोखा प्रदेश के किसानों को दिया है। कांग्रेस ने वचन पत्र में दो लाख रूपये तक का कर्जा माफ करने की बात कही थी। तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष ने तो यह भी कहा था कि यदि 10 दिन के भीतर कर्ज माफ नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री बदल देंगे। हालत यह है कि सरकार एक साल बाद भी कर्जमाफी का दूसरा चरण ही शुरू कर रही है। इधर, कर्जमाफी के इंतजार में किसान डिफाल्टर हो गया। प्रदेश के किसानों को बाढ़ और अतिवृष्टि से हुए नुकसान का मुआवजा अब तक नहीं मिला। सर्वे के नाम पर किसानों की अपराधियों की तरह फोटो जरूर खींची गई। जब बोवनी का समय आया, तो सरकार किसानों को यूरिया तो नहीं दे सकी, लाठियां जरूर दी। इधर, कालाबाजारी में भरपूर यूरिया उपलब्ध रहा। कांग्रेस ने 0 प्रतिशत पर ऋण और फसलों पर बोनस का वादा किया, लेकिन वह भी झूठा निकला। केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली किसान सम्मान निधि के 6000 रुपये प्रदेश के किसानों को न मिल पायें, इसके लिए प्रदेश सरकार ने किसानों की सूची नहीं भेजी।
          झूठे निकले सामाजिक-आर्थिक न्याय के वादे प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि कांग्रेस द्वारा प्रदेश की जनता से किए गए सामाजिक आर्थिक न्याय के वादे झूठे निकले हैं। इस सरकार ने बिजली का बिल हॉफ करने की बात कही थी, लेकिन बिजली साफ कर दी। वृद्धावस्था पेंशन 1000 रुपये करने की बात भी झूठी निकली। कन्या विवाह योजना की राशि अब तक नहीं मिली। कमलनाथ सरकार के समय में प्रदेश का गरीब त्रस्त हो गया है। केंद्र सरकार ने मध्यप्रदेश के गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना में 8 लाख आवास स्वीकृत किए थे, लेकिन अपने हिस्से की राशि न मिलाना पड़े, इस डर से इस सरकार ने 2 लाख आवास सरेंडर कर दिये। जबकि प्रदेश में अभी बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जिन्हें इस योजना का लाभ मिल सकता था।
        कोई वादा नहीं निभाया श्री सिंह ने कहा कि कांग्रेस की यह सरकार आंकड़ों में कुछ भी कहे, लेकिन वास्तविकता में इसने कोई वादा पूरा नहीं किया। कांग्रेस ने युवाओं को 4 हजार रुपये बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही, लेकिन पिछले एक साल में यह सरकार एक भी युवा को यह भत्ता नहीं दे सकी और किसी को रोजगार मुहैया नहीं करा सकी। इस सरकार ने मुख्यमंत्री मेघावी छात्रवृत्ति योजना बंद कर दी। विद्यार्थियों को लेपटॉप और साइकिल नहीं दी। पुलिसकर्मियों को मिलने वाले साप्ताहिक अवकाश शुरू होते ही बंद हो गए। कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल सस्ता करने की बात कही थी, लेकिन इस सरकार ने 5 प्रतिशत वैट बढ़ा दिया।  सरकार ने गौवंश के संरक्षण के लिए हर पंचायत में गौशाला खोलने की बात कही थी, लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ को यह बताना चाहिए कि बीते एक साल में किस गांव या पंचायत में गौशाला खोली गई है।
          माफियाओं को संरक्षण दे रही सरकार प्रदेश अध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि इस सरकार का ध्यान न गरीबों पर है और न प्रदेश की जनता पर। सरकार का पूरा ध्यान तबादला उद्योग और रेत तथा शराब माफिया के संरक्षण पर है। शराब माफिया को संरक्षण देने के लिए इस सरकार ने पूरे प्रदेश को ही नशे में झोंक दिया है। अब तो सरकार पवित्र घोषित शहरों में शराब दुकानें खोलने जा रही है। प्रदेश में रेत माफिया फल-फूल रहा है और रेत के अवैध कारोबार में कांग्रेस के कई नेता शामिल हैं। सरकार से संरक्षण पाकर रेत माफिया बेलगाम हो गया है और नदियों के बीच में सड़क बनाकर रेत का उत्खनन किया जा रहा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी रेत माफिया के खिलाफ झण्डा उठाने की बात कह चुके हैं। प्रदेश के कुछ मंत्रियों ने एक-दूसरे पर रेत माफिया होने के आरोप लगाये और एक मंत्री ने तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पर शराब के अवैध करोबार का खुला आरोप लगाया है।
       कानून व्यवस्था ध्वस्त, राजनीतिक अराजकता का माहौल श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। पिछले 9 माह में ही प्रदेश में हत्या की 1278 घटनाएं हुई हैं। मासूमों के अपहरण, हत्या और दुष्कर्म जैसे अपराधों में भी वृद्धि हुई है। चित्रकूट के मासूम जुड़वां भाइयों से शुरू हुआ अपहरण और हत्या का सिलसिला पूरे प्रदेश में फैल चुका है। प्रदेश में राजनीतिक अराजकता की स्थिति इतनी गंभीर है कि विधायक सरकार में मंत्रियों पर आरोप लगाते हैं और मंत्री खुली बैठक में मुख्यमंत्री को सुनाते हैं। इस सरकार को तीन-तीन मुख्यमंत्री चला रहे हैं। सरकार ने अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए मंत्रियों और विधायकों को पूरी छूट दे रखी है। ये नेता रेत, शराब जैसे तमाम गैरकानूनी काम कर रहे हैं और इस मामले में सरकार मौन है, मूकदर्शक बनी हुई है। सरकार बचाने की मजबूरी के चलते मुख्यमंत्री असहाय हैं।
        नाकामियों को छुपाने हथकंडेबाजी कर रही सरकार श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश की कमलनाथ सरकार हर मोर्चे पर बुरी तरह नाकाम रही है। यह सरकार अपनी नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए और जनता का ध्यान उनसे हटाने के लिए नई-नई हथकंडेबाजी करती रहती है। उन्होंने कहा कि माफिया मुक्त मध्यप्रदेश भी ऐसी ही हथकंडेबाजी है। इसके अंतर्गत यह सरकार ऐसे लोगों को चुन-चुनकर निशाना बना रही है, जो उसकी सुविधा के अनुसार चलने को तैयार नहीं हैं। श्री सिंह ने कहा कि हम माफिया के खिलाफ कार्रवाई का विरोध नहीं करते, कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन हम यह नहीं चलने देंगे कि सरकार अपने लोगों को छोड़ दे और विरोधियों के पास सारे दस्तावेज होते हुए भी उन्हें निशाना बनाए।   
छात्रों पर जुल्म नहीं सहेंगे
        प्रदेश अध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में कुछ शिक्षकों के जातिगत आधार पर किए गए ट्वीट का विरोध करने वाले छात्रों के निष्काषन की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में भी नेता प्रतिपक्ष श्री गोपाल भार्गव एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने यह मामला उठाया है। उन्होंने कहा कि इन छात्रों ने कोई फीस वृद्धि का विरोध या सुविधाओं की मांग नहीं की थी। उन्होंने जातिगत वैमनस्य पैदा करने की कोशिश का लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया था। श्री सिंह ने कहा कि हम इस कार्रवाई का विरोध करते हैं और छात्रों पर जुल्म नहीं सहेंगे।


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