रायबरेली- सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राम मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार की ओर से भाईचारा की तर्ज पर गठित होने वाले न्यास में मुस्लिम या किसी अन्य दूसरे धर्म के व्यक्ति को शामिल करने पर आर्यावर्त रामराज्य परिषद के अध्यक्ष अनुराग प्रताप सिंह ने आपत्ति जताई है ! साथ ही श्री सिंह ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण " रामालय न्यास " के द्वारा कराया जाए ! जो सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुरूप पूरे विश्व के सनातन धर्मियों का प्रतिनिधित्व करने वाले पच्चीस प्रमुखतम धर्माचार्यो की सदस्यता वाले न्यास को शास्त्रविधि और परम्पराओं के अनुसार राम मंदिर निर्माण का अवसर दिया जाना चाहिए !
आर्यावर्त रामराज्य परिषद, न्यास के अध्यक्ष अनुराग प्रताप सिंह ने आगे कहा कि राम मंदिर निर्माण के लिए गठित होने वाले न्यास में सनातन धर्म व संस्कृति की छाप होनी चाहिए ! श्री सिंह ने बताया कि राम मंदिर आंदोलन में हमारे अखाड़ो का महत्वपूर्ण योगदान रहा है ! अनुराग प्रताप सिंह का कहना है कि लंबे समय बाद राम मंदिर विवाद का सुप्रीम कोर्ट से सर्वसम्मति से फैसला आया है ! ऐसे में इस नए न्यास में किसी मुस्लिम या अन्य धर्मावलंबी को शामिल करना कतई उचित नही होगा ! ऐसा हुआ तो आने वाले समय मे नए सिरे से तकरार की नौबत आ सकती है ! इसके साथ ही राम मंदिर आंदोलन से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता, साधु संतों, वरिष्ठ पत्रकारों व राम मंदिर केश से जुड़े हुए वकीलों को भी न्यास में जगह देने की वकालत की है !!
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